द्यावा पृथ्वी वाक्य
उच्चारण: [ deyaavaa perithevi ]
उदाहरण वाक्य
- शक्ति उपासना का मूल आधार आद्यग्रन्थ ऋग्वेद की द्यावा पृथ्वी की कल्पना है, जिसमें पृथ्वी स्त्री मानी गई है और आकाश पुरुष।
- इसी वेद के एक मन्त्र का कथन है कि वरूण पहिया युक्त है, जिन्होंने विस्तृत द्यावा पृथ्वी की स्थापना की, इन्होंने ही आकाश और नक्षत्रों को प्रेरित कर पृथ्वी को प्रशस्त किया-धीरा
- कल्पना जो भी थी (गाय या नारी), सूर्य वत्स या बालक के रूप में इसी विशाल द्युलोक से प्रकट होता माना जाता था, जो एक विशाल बाल पक्षी की तरह द्यावा पृथ्वी का चक्कर मारा करता था।
- सवाल थे-: 1. द्युलोक से ऊपर जो कुछ भी है, और पृथ्वी से नीचे जो कुछ भी है जिसे हम द्यावा पृथ्वी कहते है, उसके बीच जो कुछ भी है, 2.